Tuesday, June 19, 2018

जानिये क्या है नजर उतरने के अचूक उपाय और मंत्र

इस लेख में, Nazar utarne  के लिए आसान कदम उठाए जाते हैं, जिससे आप किसी भी प्रकार की नज़र से बच सकते हैं। जब किसी व्यक्ति पर किसी पर Buri Najar  आती है, तो उसे परेशानियों की समस्या हो जाती है। आंखों के दोषों के कारण, जानबूझकर मनुष्य के जीवन में समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इस समय के दौरान उनके काम परेशान हो गए। हर क्षेत्र में, यह निराशाजनक हो जाती है, इसलिए बुरी आंख से बचने के लिए, लोग उपाय करने के लिए मंत्र का जप करते हैं, नज़र और जाल के जाल को देखते हैं। इसके अलावा, लोग नजर  के दोषों को रोकने के कई तरीकों का प्रयास करते हैं। यह एक Buri najar के बारे में कहा जाता है कि जब कोई व्यक्ति अपने काम में सफल होता है, तो उसके कुछ परिवेश उसे जलते हैं। आमतौर पर यह माना जाता है कि Buri najar के कारण व्यक्ति की सकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है। वह जो कुछ भी करता है, उसे नुकसान उठाना पड़ता है। इसी प्रकार, यदि कोई घर देखा जाता है, तो उस घर में अशांति का वातावरण फैल रहा है। घर की खुशी खरपतवार में बदल जाती है। लोग किसी के बढ़ते घर को देख कर घर से ईर्ष्या शुरू करते हैं, यही कारण है कि लोग अपने घर को Buri Najar  से बचाने के लिए बहुत सारी चीज़ें बचाते हैं। Buri Najar Utarne Ke Upay  को हटाने से पहले Najar Ke Lakshano को जानना जरूरी है।

बुरी नजर के लक्षण- Buri Najar  ke Lakshan 



  • अगर घर में Najar  लग जाती  है, तो घर में दुःख-दर्द   होता है। घर में चोरी की एक घटना है, और उस घर में अशांति का वातावरण बना हुआ है। परिवार के सदस्य किसी प्रकार की बीमारी से पीड़ित होना शुरू करते हैं। उस घर में आर्द्रता



  • यदि  किसी के Vyapar Me Nazar  लग जाती है, तो व्यापार बंद हो जाता है। व्यवसाय में, यह लाभ के बजाय एक नुकसान है



  • अगर किसी व्यक्ति को Nazar  लग  जाती है, तो वह रोगी या कुछ बुरी कंपनी में फंस जाता है, जो समाज में उसकी प्रतिष्ठा समाप्त करता है या उसका काम खराब हो जाता है।



  • अगर किसी बच्चे को Buri Nazar लग जाती  है, तो वह बीमार हो जाता है या वह बिना बात किए जोर से रोता है


नजर उतरने के उपाय - Najar Utarne Ke Upay

निम्नलिखित उपायों  का पालन करके आप अपना Vayapar Me Safalta ke upay सकते हैं:


  • पंचमुखी के हनुमान जी के लॉकेट को पहनो 
  • हमेशा हनुमान चालीसा और बाजारंग बाण्ड का रोज जाप करो ।
  • हनुमान जी के मंदिर पर जाएं और माथे पर सिंदूर लगाए ।
  • यदि कोई व्यक्ति Buri Najar Se  प्रभावित होता है, तो उसे भैरो बाबा के मंदिर से काले धागे पहनना चाहिए। इससे उस पर लगी Buri Najar Utar Jaayegi जायेगी ।
  • यदि बार-बार धन की हानि होती है, तो लाल कपड़े  दो कोडिया बांध क़र इसे सुरक्षित रखें।
  • एक रोटी बनाओ और इसे केवल एक तरफ सेंकना। अब पक्के  हिस्से पर तेल लागए और इसमें लाल मिर्च और नमक  डाल दें। अब  Nazar Dosh से पीड़ित व्यक्ति पर  इसे सात बार वार  दें और उसे चुपचाप एक चोराहे  पर रखें।

नज़र उतारने का मंत्र- Nazar Utarne Ka Mantra


ॐ नमो सत्य नाम आदेश गुरु को, 
ॐ नमो नज़र जहाँ पर पीर ना जानी 
बोले छल सौं अमृतवानी, 
कहो नज़र कहाँ ते आई 
यहाँ की ठौर तोही कौन बताई।

कौन जात तेरो कहाँ धाम,
किसकी बेटी, का तेरो नाम, 
कहाँ से उड़ी, कहाँ को जाया,
अबहि बसकर ले तेरी माया।

मेरी बात सुनो चित्त लाए,
जैसा होय सुनाऊं लाय,
मेरी भक्ति, गुरु की शक्ति,
फुरो मंत्र ईश्वरी वाचा।

उपरोक्त मंत्र को पढ़ते हुए Buri Nazar से पीड़ित व्यक्ति को मोर की पंख से ऊपर से नीचे तक उसे झाड़ें।


Monday, June 18, 2018

hanuman kavach



  Hanuman, the greatest servant of Shri Ram Prabhu, is still sitting in a living position at some place. By worshiping Hanuman ji, life can be overcome by the greatest miseries of life. But a living creature who dies by the text of Hanuman Kavach gets up and gets rid of disease etc. Not only this, the work of Hanuman Kavach is also read for the work. hanuman kavach is useful for proving the greatest work. Lord Rama himself also recited Hanuman Kavach while battling Mahabali Ravana in the Treta era. This is the creation of Hanuman Kavach himself also by Lord Shri Ram Chandra ji himself. Shri Hanuman Kavach himself has the power of Lord Shriram, which can be won over evil by its influence. This armor can be avoided by ghosts, sprites, chandals, demons and other evil spirits. This armor saves you from trickery and protects you. Black magic gets completely defeated on this. With the full benefit of this armor, all the grief of life disappears, so it is also called mourning



 In mythological stories, Hanuman ji has been told to equate with unmatched powers. Hanuman Chalisa's Chaupai also mentions that Hanuman ji had received such powers or boons from various deities, through whom he became very powerful.
Hanuman ji has been present in every era, he has also been called the god of Kaliyuga. It is said that Hanuman ji can certainly solve every problem of human life of Kalyug
All of this, we all know how many problems will come in the life of man and when will they come ... all these things determine the planets of their horoscope. Rahu, Ketu, Mangal and Shani .... They are mainly the four planets that cause the problems in the life of any person. To control them, if there is really a saint, then that is Hanumat Aradana.


There are various forms of Hanuman ji, today we are going to tell you something special about their Panchvata nature. With this divine and miraculous form of Hanuman ji and associated mantra, his worship will throw out every negativity of your life and will turn you into every hope of disappointment.


Before this we will tell you the importance of the Panchamukhi Hanuman ji's mantra, we are going to tell you the mythical story related to his nature.


During the battle of Shriram and Ravana, Ravana's brother Ahiravan made such a move, in which the whole army of Lord Rama went into sleep. As soon as the army went to the unconscious state, Ravana and his brother Lakshman were defeated and Ravana reached them with both of them.
As soon as Hanuman ji found this phenomenon, he went straight to the pats. But his journey was not so simple as there was a peep on the entrance to Patal Nagar.

Then Hanuman ji took the Panchmukti format. In the north, the peacock mouth, Narasimha in the south direction, the Garuda mouth in the west, the Haigrave mouth towards the sky and the Hanuman mouth appeared in the east direction. And together they saved the life of Shriram by quenching that lamp.


B knows the Panchatmukhi of Hanuman ji and the wonderful benefits of that panchmukhi hanuman mantra.

O Lord, I am the Lord, my Lord and my God, I am the Lord of the Universe, I am the Lord of the Universe, I am the Lord of the Universe, I am a Brahmin.
Hey ham burat swaha o Namo Bhagwate humanadakya rudrayi all evil people's pillar kuru swahaaun hrin hrin ham hroon hr: oon khas tha tha phat swaha ... By chanting the daily routine of this mantra, discord prevails from home and prosperity in the family is.

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कैसे उतारे नज़र और उससे जुड़े मंत्र -Nazar Utarne Ke Upay Aur Mantra


अक्सर आपने आपने बड़ो से सुना होगा की इसे nazar  लग गयी है हमारे समाज में nazar lagna  बहुत बड़ा दोष माना गया है । इससे व्यक्ति मानसिक और शारीरक दोनों रूपों से बीमार पड़ सकता है । ऐसा नहीं है की नज़र सिर्फ व्यक्ति को लगती है ऐसा भी हो सकता की नज़र उसके vyapar या उसके काम को भी लग सकती है । अगर हम nazar lagna  की बात करते है तो यह तक कहा जाता है की माँ की नज़र भी आपने बच्चे को लग जाती है ।



क्या ये  नजर (Evil Eye) बच्चों को ही लगती है?


लेकिन ऐसा नहीं है यदि ऐसा होता तो फिर लोग ऐसा क्यों कहते हैं कि मेरे काम धंधे को नजर (Evil Eye) लग गई है. नया कपड़ा, जेवर आदि कट फट जाएं तो भी यही कहा जाता है कि किसी की nazar ल्रग गई.


लोग हमेशा यही पूछते हैं कि nazar lagna (Evil Eye) लगती कैसे है? इसके मुख्य लक्षण क्या हैं? अगर नजर लग जाए तो उससे कैसे छुटकारा पाया जाएं? इसी बात को ध्यान में रखकर यहां नजर के लक्षण, नजर लगने के कारण तथा उपाय का इस लेख में बताये जा रहे है.

Nazar Utarne  के लिए करे ये उपाय


  1. यदि बच्चे ने दूध पीना या खाना छोड़ दिया हो तो आप रोटी या दूध को बच्चे पर से ‘आठ’ बार उतार के कुत्ते या गाय को खिला दें.
  2. किसी भी व्यक्ति जिसको नजर (Evil eye) लगी है आप नमक, कुछ राई के दाने, पीली सरसों, लाल मिर्च, पुरानी झाडू का एक टुकड़ा लेकर नजर लगे व्यक्ति पर से ‘आठ’ बार उतार कर अग्नि में जला दें. यदि ‘नजर’ लगी होगी तो मिर्चों के जलने धांस नहीँ आयेगी. वर्ना आप भी जानते है कि खांसते-खांसते बुरा हाल हो जाता है.
  3. अगर आपको ये शंका हो कि इस व्यक्ति ने ही नजर (Evil eye) लगाई है तो उस व्यक्ति को आप बुलाकर ‘नजर’ लगे व्यक्ति पर उससे हाथ फिरवाने से लाभ होता है.
  4. पश्चिमी देशों में नजर (Evil eye) लगने की आशंका के चलते ‘टच वुड’ कहकर लकड़ी के फर्नीचर को छू लेता है और ऐसी मान्यता है कि उसे नजर नहीं लगेगी.
  5. ईसाई धर्म में गिरजाघर से पवित्र जल लाकर नजर (Evil eye) लगे व्यक्ति को पिलाने का भी चलन है.
  6. इस्लाम धर्म के अनुसार ‘नजर’ वाले पर से ‘अण्डा’ या ‘जानवर की कलेजी’ उतार के ‘बीच चौराहे’ पर रख दें. दरगाह या कब्र से फूल और अगरबत्ती की राख लाकर ‘नजर’ वाले के सिरहाने रख दें या खिला दें.
  7. एक लोटे में पानी लेकर उसमें नमक, खड़ी लाल मिर्च डालकर आठ बार उतारे. फिर थाली में दो आकृतियाँ. एक काजल से, दूसरी कुमकुम से बनाए और लोटे का पानी थाली में डाल दें. फिर एक लम्बी काली या लाल रङ्ग की बिन्दी (रुई की मोटीबाती) लेकर उसे तेल में भिगोकर ‘नजर’ वाले पर उतार कर उसका एक कोना चिमटे या सँडसी से पकड़ कर नीचे से जला दें और उसे थाली के बीच ऊपर रखें तब गरम काला तेल पानी वाली थाली में गिरेगा और यदि नजर लगी होगी तो फिर छनछन आवाज आएगी अन्यथा नहीं.
  8. एक नींबू लेकर आठ बार उतार कर काट कर फेंक दें.
  9. चाकू से जमीन पे एक आकृति बनाए और फिर चाकू से ‘नजर’ वाले व्यक्ति पर से एक एक कर आठ बार उतारता जाए और आठों बार जमीन पर बनी आकृति को काटता जाए इससे भी लगी नजर (Evil eye) उतर जाती है.
  10. गोमूत्र पानी में मिलाकर थोड़ा थोड़ा पिलाए और उसके आस-पास पानी में मिलाकर छिड़क दें. यदि स्नान करना हो तो थोड़ा स्नान के पानी में भी डाल दें.
  11. थोड़ी सी राई, नमक, आटा या चोकर और 3, 5 या 7 लाल सूखी मिर्च लेकर. जिसे ‘नजर’ लगी हो. उसके सिर पर सात बार घुमाकर आग में डाल दें. ‘नजर-दोष’ होने पर मिर्च जलने की गन्ध नहीं आती है ये उत्तम उपाय है.
  12. पुराने कपड़े की सात चिन्दियाँ लेकर,सिर पर सात बार घुमाकर आग में जलाने से ‘नजर’ उतर जाती है.
  13. झाडू को चूल्हे या गैस की आग में जला कर फिर चूल्हे या गैस की तरफ पीठ कर के,बच्चे की माता इस जलती झाडू को 7 बार इस तरह स्पर्श कराए कि आग की तपन बच्चे को न लगे और तत्पश्चात् झाडू को अपनी टागों के बीच से निकाल कर बगैर देखे ही,चूल्हे की तरफ फेंक दें. कुछ समय तक झाडू को वहीं पड़ी रहने दें-बच्चे को लगी नजर दूर हो जायेगी.
  14. नमक की डली,काला कोयला,डंडी वाली 7 लाल मिर्च,राई के दाने तथा फिटकरी की डली को बच्चे या बड़े पर से 7 बार उबार कर फिर आग में डालने से सबकी नजर दूर हो जाती है.
  15. फिटकरी की डली को, 7 बार बच्चे या बड़े या पशु पर से 7 बार उबार कर आग में डालने से नजर तो दूर होती ही है. नजर लगाने वाले की धुंधली सी शक्ल भी फिटकरी की डली पर आ जाती है और फिटकरी के फूलने पे उसकी आकृति दिखती है.
  16. तेल की बत्ती जला कर,बच्चे या बड़े या पशु पर से 7 बार उबार कर दोहाई बोलते हुए दीवार पर चिपका दें और यदि नजर लगी होगी तो तेल की बत्ती भभक भभक कर जलेगी और नजर न लगी होने पर शांत हो कर जलेगी.

Nazar Utarne Ke Mantra


बच्चों के साथ -साथ किसी भी व्यस्क व्यक्ति पर बुरी नजर लगने जैसे संकेत दिखाई देने पर आप इस शाबर मंत्र द्वारा उपचार करें | Rog Mukti Ke upay को तुरंत ही आराम मिलने लगेगा : –

ॐ नमो नजर जहाँ पद पीर न जानो |
बोले छल सों अमृत बानी |
कहो नजर कहाँ ते आई |
यहाँ की ठौर तोहि कौन बताई |
कौन जात तेरी , कहाँ ठाम |
किसकी बेटी क्या तेरो नाम |
कहाँ से उड़ी , कहाँ की जाया |
अब ही बस कर ले तेरी माया |
मेरी जात सुनो चितलाय |
जैसी होय सुनाऊँ आय |
तेलन ,तमोलन, चुहड़ी , चमारी |
कायथनी, खतरानी , कुम्हारी |
महतरानी, राजा की रानी |
जाको दोष ताहि सिर पड़े |
जाहर पीर नजर ते रक्षा करे |
मेरी भक्ति, गुरु की शक्ति |
फुरे मंत्र ईश्वरो वाचा ||


Thursday, June 7, 2018

Kaal Sarp Dosh

 दोस्तों आज हम बात करने जा रहे है काल सर्प दोष (Kaal Sarp Dosh)की । सबसे पहले जानते है की काल सर्प दोष(kaal sarp dosh) होता है या नहीं यह सवाल ही बहुत जरूरी है । काल सर्प दोष की शांति (kaal Sarp dosh shanti) हेतु उज्जैन और त्रयंबकेश्वर में  पूजा पाठ किया जाता है। बहुत से लोग  मानते हैं कि यदि  काल सर्प दोष  नहीं होता तो इन  जगहों  में इतना बड़ा पूजा अनुष्ठान नहीं होता तो आइये जानते हैं कि आखिर  सच क्या है? पहले हम बताएंगे कि  काल सर्प दोष(kaal Sarp dosh nivaran) क्या होता है क्या कहता और करता है

Read Full Article On >>> Kaal Sarp Dosh Nivaran 


क्या लिखा है शास्त्रों में ?


'कालसर्प' दोष (kaalsarpdosh) भी 'कर्तरी' दोष के समान ही है। वराहमिहिर ने अपनी संहिता 'जानक नभ संयोग' में इसका 'सर्पयोग' के नाम से उल्लेख किया है, काल सर्पदोष (kaal Sarp dosh) नहीं। वहीं, 'सारावली' में भी 'सर्पयोग' का ही वर्णन मिलता है। यहां भी काल और दोष शब्द नहीं मिलता। पुराने मूल या वैदिक ज्योतिष शास्त्रों में कालसर्प दोष(Kaal Sarp Dosh Nivaran in hindi )का कोई स्पष्ट जिक्र  नहीं मिलता है।



हालांकि आधुनिक ज्योतिष में काल सर्प दोष ( kaal Sarp yog)को पर्याप्त स्थान मिला हुआ है। फिर भी पडितो  की राय इस बारे में एक जैसी नहीं है। आधुनिक ज्योतिष मानता है कि मूलत: सूर्य, चंद्र और गुरु के साथ राहू के होने को काल सर्प दोष(kaal Sarp dosh nivaran) बनता है। राहू का अधिदेवता 'काल' है तथा केतु का अधिदेवता 'सर्प' है। इन दोनों ग्रहों के बीच कुंडली में एक तरफ सभी ग्रह हों तो 'कालसर्प' (kaal sarp)दोष कहते हैं। राहू-केतु हमेशा वक्री चलते हैं तथा सूर्य चंद्रमार्गी। मानसागरी ग्रंथ के चौथे अध्याय के 10वें श्लोक में कहा गया है कि शनि, सूर्यराहु लग्न में सप्तम स्थान पर होने पर सर्पदंश होता है।

कैसे बनता है काल सर्प दोष :


जन्म के समय ग्रहों की दशा में जब राहु-केतु आमने-सामने होते हैं और सारे ग्रह एक तरफ रहते हैं, तो उस काल को सर्प योग कहा जाता है। जब कुंडली के भावों में सारे ग्रह दाहिनी ओर इकट्ठा हों तो यह कालसर्प योग (kaal Sarp yog) नुकसानदायक नहीं होता। जब सारे ग्रह बाईं ओर इकट्ठा रहें तो वह नुकसानदायक होता है। इस आधार पर उन्होंने काल सर्प के 12 प्रकार भी बता दिए हैं। कुछ ने तो ढाई सौ के लगभग प्रकार बताए हैं।


ज्योतिषियों ने काल सर्प दोष( Types of kaal sarp Dosh) के 12 मुख्य प्रकार बताएं हैं:- 1. अनंत, 2. कुलिक, 3. वासुकि, 4. शंखपाल, 5. पद्म, 6. महापद्म, 7. तक्षक, 8. कर्कोटक, 9. शंखनाद, 10. घातक, 11. विषाक्त और 12. शेषनाग।...अब ज्योतिषियों अनुसार कुंडली में 12 तरह के कालसर्प दोष(kaal Sarp Dosh) होने के साथ ही राहू की दशा, अंतरदशा में अस्त-नीच या शत्रु राशि में बैठे ग्रह मारकेश या वे ग्रह जो वक्री हों, उनके चलते भी जातक को कष्टों का सामना करना पड़ता है।

काल सर्प दोष के लक्षण : Kaal Sarp Dosh Lakshan

आधुनिक ज्योतिष काल सर्प के लक्षण भी बताते हैं जैसे कि बाल्यकाल घटना-दुर्घटना, चोट लगना, बीमारी आदि, विद्या में रुकावट, विवाह में विलंब, वैवाहिक जीवन में तनाव, तलाक, संतान का न होना, धोखा खाना, लंबी बीमारी, आए दिन घटना-दुर्घटनाएं, रोजगार में दिक्कत, घर की महिलाओं पर संकट, गृहकलह, मांगलिक कार्यों में बाधा, गर्भपात, अकाल मृत्यु, प्रेतबाधा, दिमाग में चिड़चिड़ापन आदि। ये सब काल सर्प दोष के लक्षण है

इसके ज्योतिष उपाय :  Kaal  Sarp Dosh Nivaran


उपरोक्त लक्षण बताने के बाद आधुनिक ज्योतिषियों द्वारा इसके उपाय भी बताए जाते हैं। जैसे कि

  • सबसे उत्तम उपाय है त्र्यम्बकेश्वर में जाकर शांतिकर्म करवाना। इसके अलावा राहू तथा केतु के मंत्रों का जाप करें या करवाएं।



  • उज्जैन में नाग सर्प बली अनुष्ठान करवाएं। सर्प मंत्र या नाग गायत्री के जाप करें या करवाएं।
  • भैरव उपासना करें या श्री महामत्युंजय मंत्र का जाप करने से राहू-केतु का असर खत्म होता है। 
  • नागपंचमी को सपेरे से नाग लेकर जंगल में छुड़वाएं। पितृ शांति का उपाय करें। इस तरह के अनेक उपाय बताए जाते हैं।
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Tuesday, June 5, 2018

What is Kaal Sarp Dosh ?

KAAL SARP DOSH NIVARAN


 Kaal Sarp Dosh Nivaran  हिंदी में पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे | 

Kaal Sarp dosh – Yog is shaped when every one of the seven planets Sun, Moon, Mars, Mercury, Jupiter, Venus and Saturn are hammed amongst Rahu and Ketu. As you definitely realize that the situation of Rahu and ketu in rashi diagram is dependably before each other, mean if rahu is set in first house , ketu will be seventh house. Along these lines there are the potential outcomes in any graph to put rest of the planets in the middle of Rahu and ketu, and this position is called Kaal Sarp dosh – Yog. Its critical to consider the digrees of the planets put with Rahu or ketu to make sure about the presence of Kaal Sarp dosh – Yog in natal outline, implies if damages for instance set with rahu with 10 degree and rahus degree is less at that point defaces degree, the Kaal Sarp dosh – Yog dosage not exist in that diagram. Rahu and ketu degree must be all the more then the planets put with them.


Impacts Of kaal Sarp Dosh 


By and large Kaal Sarp dosh – Yog offers battle to local in all issues of life, identified with wellbeing, riches, vocation, calling, love, marriage, kids and numerous different things identified with our life, yet it is vital to discover the correct impact of a Kaal Sarp dosh – Yoga in the local horoscope. Is it giving terrible impacts and battle in wellbeing, riches, vocation, calling, love, marriage, kids or different things identified with our life? How might you know ? This can be judged by position of the Rahu and ketu in various places of natal diagram, for instance if Rahu is set in first house and ketu is in seventh house the individual will have the troubles in wellbeing and riches as the first house demonstrates the wellbeing and the battle of life of the local, subsequently if rahu is in second house the individual may have the battle and challenges with family relations, riches, and other related things to second house. Along these lines we can judge the impacts of a Kaal Sarp Dosh – Yog in 12 place of the natal graph and it make 12 sorts of Kaal Sarp Dosh – Yoga.

Anant Kaal Sarp Dosh 


Anant Kaal Sarp Dosh – Yoga is shaped in a natal outline when Rahu put in first house and ketu set in seventh house and every other planet fixed between them.Anant kaal sarp make the awful impacts on wedded existence of the individual who has this dosh in his or her horoscope. The individual may not get wed or may have a late marriage. After marriage there will be debate and contentions in marriage life and such individual may have the additional conjugal illicit relationships as a result of troubled association with his or her won mate, in this way the separation and division likewise should be possible. Rahu in first house offers battle to local and ketu in seventh unacceptable sexual relations with spouce.

Kulik Kaal Sarp Dosh 


Kulik kaal Sarp Dosh is shape in a horoscope when Rahu is set in second house and ketu in eighth house and every single other planet are put between the level of rahu and ketu. The local who is having Kulik kaal Sarp Dosh in his/her horoscope may have the instructive issues, negative behavior patterns of eating, drinking, smoking or different medications. That is the reasone the individual may have awful wellbeing and experiencing ailments throughout everyday life. This dosh is likewise in charge of neediness of local as second house is dhan sthana in horoscope. Kulik kaal sarp dosh in a horoscope additionally can cause genuine mishaps of local.


Vasuki Kaal Sarp Dosh 


At the point when Rahu put in third place of a horoscope and ketu is put in ninth house and every other planet are in the middle of the degree on Rahu and ketu, Vasuki Kaal Sarp Dosh is framed in the horoscope. Vasuki Kaal Sarp Doshcan cause numerous issues throughout local's life identified with misfortune of the local in numerous fields of the life. The local might not have the positive outcomes for the endeavors. He/she needs to do parcel of endeavor to acquire a little measure of cash and may confront the issues from his/her family, sibling and sisters. Typically third place of the horoscope demonstrates efferts of a man and ninth house, fortunes and fortune of a man so when vasuki kaal sarp dosh is shaped in a horoscope the individual won't have good fortunes and fortune and he needs to experience the ill effects of parcel of buckle down for his/her family, sibling and sister.

Shankphal Kaal Sarp Dosh 


Shankphal Kaalsarp Dosh is framed in a horoscope when Rahu is put in fourth house and Ketu is set in tenth house. Shankphal Kaal Sarp in horoscope can exasperate the local in his/her youth. The local can be enjoyed unfortunate propensities and awful exercises in his/her tyke hood like taking cash from guardians pockets or handbags, bunking from school and to be enjoyed awful organization as the fourth house speaks to adolescence in horoscope of local. The fourth house additionally shows the joy of marriage life so the locals marriage life is likewise irritated by Shankphal Kaal Sarp in the horoscope. Shankphal Kaal Sarp is additionally awful for mother and father of the local, they may issues and battle throughout everyday life. Local calling is additionally is being irritated and tricky because of Shankphal Kaal Sarp.

Padam Kaal Sarp Dosh 


Padam kaal sarp dosh is shaped when Rahu set in fifth house and ketu set in eleventh house and rest of the planets are hammed amongst Rahu and ketu. On the off chance that there are Padam Kaal Sarp dosh in the horoscope the local may have the issues identified with instruction, labor, relationships, cherish relational unions, wellbeing and issues identified with day by day wage, and picks up in business act. Ordinarily Children issues ought to be seen in both male and female horoscope, yet in the event that there is padam kaalsarp doshin one of them still the issue may cause related labor. At times kids experiences terrible wellbeing for quite a while after birth or may have late birth of kid like after numerous long stretches of marriage. Your affection, affaires and love relational unions are considered from fifth house likewise and when rahu put here can cause the issues related love and undertakings. One may have been conned by his or her darling. Relationship may not keep running for quite a while and numerous other related issues. On the off chance that there is padam kaalsarp in understudy's horoscope, he or she may confront numerous troubles in considers; they may have not great outcomes even after part of diligent work in ponders.

Mahapadam Kaal Sarp Dosh 


Mahapadam Kaal Sarp Dosh is framed when Rahu put in 6th house and Ketuput in twelfth house and every single other planet are hammed amongst Rahu and ketu. Mahapadam Kaalsarp Dosh in locals horoscope can cause the troubles identified with work, benefit, awful connection with supervisors, leagle issues because of adversaries , awful wellbeing, hospitalization, additional consumption all the more then salary, less pay, challenges from government organizations. On the off chance that you are confronting issues related subjects you should get your horoscope broke down by a specialist.

Takshak Kaal Sarp Dosh 


Takshak Kaalsarp Dosh is framed when Rahu set in seventh house and Ketu put in first house and rest of the planets are hammed amongst Rahu and Ketu. Takshak Kaalsarp dosh in locals horoscope can deliver the gigantic issues in local life. above all else it ought to be thought about genuinely for marriage life, local may have awful relations life accomplice, Very terrible wellbeing of local as ketu in first house, unfruitful business in accomplice deliver, misfortune in organizations. Local having Takshak Kaalsarp Dosh in horoscope ought to no work together in association. Local lives with life partner like an outsiders. Local may have the issues from restriction.

Karkotak Kaal Sarp Dosh 


Karkotak Kaal Sarp Dosh is to be shaped when in Native's horoscope Rahu set in eighth house and ketu is in second house and rest of the planets are hammed amongst Rahu and Ketu. Local having Karkotak Kaal Sarp Dosh in his or her horoscope, is exceptionally shocking in the life, He/she faces the misfortune in each field of life. He/she might not have points of interest of pre-birth Money, they are utilized to speak Sarcastic discourse. Terrible well being and offended by relatives. Swindled by companions, may pass on because of toxin. He/she may get late marriage and don't have the sexual joy after marriage.

Shankhnaad Kaal Sarp Dosh 


Shankhnaad Kaal Sarp Dosh is to be shaped when in Native's horoscope Rahu is put in ninth house and Ketu is put in third house and rest of the planets are hammed amongst Rahu and Ketu. at the point when Shankhnaad Kaalsarp Doshis shaped in Native;s horoscope he/she needs to confront numerous issues because of father, he/she may live without father and don't have any sort bolster from father. Shankhnaad kaal sarp can make a sort of Pitra Dosh nivaran in Native's horoscope. Local experiences misfortune, monetary loses, Cheated companions and needs to do part of endeavors to get less outcomes.

Ghatak Kaal Sarp Dosh 


Ghatak Kaal Sarp Dosh is to be shaped when in the local's horoscope Rahu set in tenth house and Ketu in fourth house and rest of the planets are hammed amongst Rahu and Ketu. Ghatak Kaal Sarp Dosh in horoscope can cause numerous issues throughout Native's life. Rahu in tenth house cause proficient issues. he/she may not settled in one calling, because of unacceptable in employment or business he/she needs to continue evolving his/her calling. local needs to live without mother or a long way from mother arrive, Mother may get experienced because of detachment local. Father and Mother may have terrible wellbeing.

Vishdhar Kaal Sarp Dosh 


Vishdhar Kaal Sarp Dosh is to be shaped when in horoscope Rahu is set in eleventh house and Ketu is in fifth house and rest of the planets are hammed amongst Rahu and Ketu. Vishdhar Kaal Sarp Dosh in Native's horoscope may cause heaps of troubles in his/her life. Local may experience the ill effects of eye and heart maladies. He/she might not have great relations with senior siblings. Local may have less memory and not a decent entertainer in considers. he/she can not finish his/her examinations in this manner Native's needs to confront heaps of battle throughout everyday life. Local needs to live a long way from home to win. Local may have undesirable kids because of Vishdhar Kaal Sarp Dosh. 

Monday, June 4, 2018

Jaaniye Kaise Bache Buri Nazar Se ?

Najar utaarane ka praacheen upaay


1. aap apane nae makaan ko buree najar se bachaana chaahate hain to mukhy dvaar kee chaukhat par kaale dhaage se peelee kaudee baandhakar latakaane se samast ooparee baadhaon se mukti milatee hai.

2. agar aap koee naya vaahan khareeda hai aur aap is baat se pareshaan hain ki kuchh nahin kuchh ostreliya mein gadabadee ho jaata hai. agar gadabadee nahin hota to durghatana mein chot-chapet lagate hain aur bekaar ke kharch se adhik arth-vyavastha chaupat ho jaata hai. apane vaahan par kaale dhaage se peelee kaudee baandhane se aap is buree najar se bach saken, kar pareshaanee se mukt ho jao.

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3. yadi aapaka ghar par roz koee nahin hai aapada aa rahee hai. aap is baat ko pareshaan kar rahe hain ki kaheen kisee ne kuchh kar diya. aise mein aapako chaahie ek naariyal ko kaale kapade mein silakar ghar ke baahar lataka den.

4. mirch, raee aur namak ko peedit vyakti ke sir se vaar kar aag mein jala den. chandrama jab raahu se peedit hota hai tab najar lagatee hai. mirch mangal ka, raee shani ka aur namak raahu ka prateek hai. in teenon ko aag (mangal ka prateek) mein daalana se najar dosh door ho jaata hai. agar in teenon ko jalaane par teekhee gandh neel to najar dosh samajhana chaahie. agar main any upaay karana chaahie.

totaka teen-agar aapake bachche ko najarandaaj kar diya jaata hai aur har samay pareshaanee aur beemaar rahata hai to laal pyaara mirch ko bachche ke oopar se teen baar vaar kar jalatee aag mein daalane se najar dil aur mirch ka dhachaka bhee nahin lagaga.

5. agar koee vyakti buree najar se pareshaan hai to ki shanivaar ke din kachcha doodh usake oopar se saat baar vaarakar kutte ko pila dene se buree najar ka prabhaav door ho jaata hai.

Nazar utarane Ke Upay



1. namak, raee, raal, lahasun, pyaaj ke sookhe chhilake aur sookhee mirch angoor par daalakar us aag ko rogee ke oopar saat baar ghumaav se buree najar ka dosh mitata hai.

2. shanivaar ke din hanumaan mandir mein jaakar pyaarapoorvak hanumaan jee kee aaraadhana kar unake kandhe par se sindoor laakar najar pakada vyakti ke maathe par lagaane se buree najar ka prabhaav kam hota hai.

3. khaane ke samay bhee kisee vyakti ko najar lagaana hai. aise samay imalee kee teen chhotee daaliyaan ko lena aag mein jalaakar najar rakhane vaala vyakti ka maathe par se saat baar ghumaakar paanee mein bujha dene vaale aur us paanee ko rogee ko pilaane se najar dosh door hota hai.

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4. kaee baar ham dekhate hain, bhojan mein najar lag raha hai. tab taiyaar bhojan mein se thoda-thoda ek patte par lena us par gulaab chhidakakar raaste mein rakho. phir baad mein khaana khaen. najar utarane ka raasta.

5. najar pakada vyakti ko paan mein gulaab kee saat pankhudee rakhakar khilaadiyon. najar lagaaya gaya vyakti isht dev ka naam len paan khae. buree najar ka prabhaav door ho.

6. laal mirch, ajavain aur peelee sarason ko mittee ke ek chhote bartan mein aag lena jalaen. phir usakee dhoop mahasoos kiya bachche ko dena. kisee prakaar kee najar ho theek ho.

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7. agar koee vyakti buree najar se pareshaan hai to ki mangalavaar ke din hanumaan mandir jaakar unake kandh se sindur lesbit vyakti ke maathe par yah sochakar tilak kar den ki yah najar dosh se mukt ho gaya hai.

Rog Mukti ke upay | Rog Mukti ke Mantra

रोग मुक्ति टोटके [ Rog Mukti Ke Totke ] : 


यदि आप या आपके घर पर कोई ना कोई हर वक़्त बीमारी से परेशान रहता है तो हम आपके लिए रोह मुक्ति उपाय Rog Mukti ke upay बताने जा रहे है इन उपाय को आप विश्वास के साथ कीजिये साथ ही साथ आप कर्म भी करना बहुत जरुरी है मतलब की डॉक्टर से परामर्श से दवाई लेना !! कर्म और उपाय दोनों एक साथ करने से आप बहुत जल्द अपनी बीमारी से छुटकारा पा सकते है इसलिए पंडित ललित ब्राह्मण आपको कुछ रोग मुक्ति, रोग निवारण के उपाय बताने जा रहे है जिन्हें आप बहुत ही आसानी से अपने घर पर खुद ही कर सकते हो असर आप स्वयं खुद ही देखने को मिलेगा !! एक बात याद रखना कर्म प्रदान होता है ज्योतिष कोई भगवान नही है अपितु यह एक आपके भविष्य की राह दिखता है !! जय श्री सीताराम !! जय श्री हनुमान !! जय श्री दुर्गा माँ !!


  • मंगल और शनिवार के दिन हनुमान जी की मूर्ती से सिंदूर लेकर रोगी के माथे और पर लगाने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और वह जल्दी से ठीक होने लगता है। rog mukti ke hanuman ke mantra
  • अशोक के पेड़ की तीन ताजी पत्तियों को लेकर प्रतिदिन सुबह चबाने से आपकी सेहत ठीक रहेगी और किसी भी तरह की चिंता से परेशानी नहीं होगी।
  • यदि घर में किसी बीमार इंसान की बीमारी ठीक न हो रही हो तो उसके तकिये यानि सिरहाने के नीचे पीपल की जड़ और सहदेई रख दें। वह शीध्र ठीक होने लगेगा। Rog mukti ke upay


  • लंबे समय से बीमार इंसान के कमरे में उसे दक्षिण दिशा की तरफ सिर रखकर सुलाएं और दवाएं और पानी को भी इसी तरफ रखें। जब भी रोगी को दवा खिलाएं उसका मुख पूर्व की तरफ करके ही खिलाएं।


  • बीमार इंसान को सुबह एक गिलास पानी पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके ” एँ ” मंत्र का जाप 21 बार करके उस पानी को पीना चाहिए। एैसा सात दिनों तक लगातार करें। जिसकी शुरूआत रविवार के दिन से करनी चाहिए।
  • यदि घर के छोटे बच्चे पीड़ित हों, तो मोर पंख को पूरा जलाकर उसकी राख बना लें औरउस राख से बच्चे को नियमित रूप से तिलक लगाएं तथा थोड़ी-सी राख चटा दें। Rog Mukti Ke lal kitab Totke
  • कृष्ण पक्ष में चमकीला काला कपडा,उड़द तथा  एक रुपये का सिक्का दान करे

Kaal Sarp Dosh Kya hai? Kaal Sarp Dosh Nivaran Kaise Kre ?

kabhee-kabhee aisa hota hai ki hamaare jeevan mein itanee uthal-puthal aur itanee aarthikata se shaareerik, maanasik pareshaanee hotee hai ki ham samajh nahin paate hain ki yah see samasya hai. ise ya to ham khud kismat mon lete hain ya phir bhagavaan ko kosate rahate hain ki bhagavaan kee vajah se yah sab ho raha hai.


lekin aap jaanate hain ki tumhaaree kundalee mein koee samasya ho sakatee hai jisaka kaaran hai pareshaaniyon ka saamana karana pad raha hai. isake baad kisee jyotish kee sharan mein jaane hai ki aakhiree samasya kya hai. agar aapaka janm kundalee mein kaal sarp dosh hota hai. kaal sarp dosh sunakar aap darane kee jarurat nahin hai.



isake baaren mein agar thodee see bhee jyotish jaanakaaree de de to aap is kaalasarp yog se nivaaran mil sakata hai. ya phir aap khud kuchh upaay apana khud ka saamana karana padata hai. jaanie kya hai kaalasarp yog aur yah kaise pahachaane ki aapake kundalee mein kaun sa kaal sarp dosh nivaran hai.

jab raahu aur ketu sada vakree (ultee chaal) rahate hain. kisee bhee vyakti kee janm kundalee mein jab sabhee grah raahu aur ketu ke beech aate hain to vyakti kaalasarp yog se peedit ho jaata hai. kaal sarp dosh har raashi ke jaati ke lie samaan nahin padatee hai. yah raashi ke anusaar alag-alag prabhaav dikhaatee hai.



kaal sarp yog ek tarah ke nahin raashiyon kee tarah 12 prakaar ke hote hain. jinake alag-alag prabhaav aur vishesha upaay hota hai. jinako apanaakar aap in kaal sarp dosh  nivaran paavar hai.

anant kaal sarp dosh


jab kundalee mein raahuda mein aur ketu aapoorti mein ho aur vah beech sabhee grah hon to anant naamak kaalasarp yog banata hai. aise kalaakaaron ke vyaktitv nirmaan mein kathin parishram kee jaroorat padatee hai. usake vidyaalay aur vyavasaay ke kaam bahut saamaany tareeke se chalate hain aur in kshetron mein thoda bhee aage badhane ke lie jaatik ko kathin sangharsh karana padata hai.



maanasik peeda kabhee-kabhee use ghar-grhasthee chhodakar vairaagee jeevan apanaane ke lie bhee ukasaaya hain. laataree, sheyar aur sood ke vyavasaay mein aise hee kalaakaaron kee vishesh ruchi rahatee hain kintu bhee inhen jyaada haani hee hota hai. shaareerik roop se use kaee vyaadhiyon ka saamana karana padata hai. jisase aapakee aarthik sthiti kharaab ho jaatee hai aur daapatin jeevan mein bhaasnaanee aane lagatee hai.



kulik kaal sarp dosh


raahu doosare ghar mein ho aur ketu ashtam sthaan mein ho aur sabhee grah in grahon ke beech mein ho to kulik naam kaalasarp yog hoga. jaatik ap apayash ka bhee paart banana padata hai. is yog kee vajah se jaatik kee padhaee-likhaee saamaany gati se chalatee hai aur usaka vaivaahik jeevan bhee saamaany rahata hai. lekin aarthik pareshaaniyon ke kaaran aapake daapatin jeevan mein khalabalee machee rahatee hai.



apane doston se dhokha, santaan sukh mein baadha aur vyavasaay mein sangharsh kabhee usaka peechha nahin chhodana. saath hee aapaka svabhaav bhee badale mein hota hai. saath hee tumhaaree maanasik aur shaareerik pareshaanee se bhee gujarana padata hai.



vaasuki kaal sarp dosh


raahu teesare ghar mein aur ketu navam sthaan mein aur is beech sabhee grah gret ho to vaasukee naamak kaalasarp yog banata hai. vah bhaee-bahan se bhee pareshaan rahata hai. any paarivaarik sadasyon se bhee aap kheenchate banee rahatee hai. rishtedaar aur mitragan aap hamesha dhokha dete hain.


ghar mein hamesha kalah rahata hai. saath hee aarthik sthiti bhee asaadhaaran rahatee hai. arthopaarjan ke lie janak ko vishesh sangharsh karana padata hai, phir bhee usamen saphalata sampragadha rahatee hai. chandrama ke peedit hone ke kaaran usaka jeevan maanasik roop se udghoshana rahata hai. is yog ke kaaran jaatik kaanoonee maamalon mein vishesh roop se nukasaan uthaana padata hai


Shankhapaal kaal sarp yog



raahu chauthe sthaan mein aur ketu dasham sthaan mein ho isake beech sabhee grah ho to shankhapaal naamak kaalasarp yog banata hai. isase ghar- sampatti sambandhit thodee bahut kathinaiyon aatee hain. jisaka kaaran jaatik kabhee-kabhee tanaav mein aa jaata hai.



jaatik ko maata se koee, na koee kisee na kisee samay aanshik roop mein takaleeph milatee hai. saath hee vaivaahik jeevan saamaany roop se bhee vah kabhee-kabhee tanaavagrast ho jaata hai. chandrama ke peedit hone ke kaaran jaati samay-samay par maanasik santulan khoya rahata hai.



kaary ke kshetr mein bhee kaee vighn aate hain. par ve sab vighan kaalantar mein svachaalit: nasht ho jaate hain. is yog ke prabhaav se jaati ka aarthik santulan bigad jaata hai, jo kaaran aarthik sankat bhee upasthit ho jaata hai.



Padm kaal sarp yog

raahu pancham aur ketu ekadash bhaav mein aur is beech sabhee grah hon to padm kaalasarp yog banata hai. gyaan praapt karane par thodee samasya uthaana hota hai. saath hee getak ko santaan praayah vilamb se praapt hota hai, ya santaan hona mein bhaagyashaalee roop se vyavadhaan upasthit hota hai.



jaatik ko putr santaan kee praayah chinta banee rahatee hai. saath hee svaasthy sambandhee samasya bhee ho sakata hai. parivaar mein jaatik ko apayash mil ka bhee bhay bana rahata hai. isee kaaran yah hamesha tanaavagrast rahata hai.



Mahaapadm kaal  sarp yog


raahu chhathe bhaav mein aur ketu baarahave bhaav mein aur usake beech sabhee grah avasthiti hon to mahaapadm kaalasarp yog banata hai. is yog mein jaati shatru vijeta hota hai, videshon se vyaapaar mein laabh kamaata hai lekin baahar adhik rahane ke kaaran usake ghar mein shaanti ka asabhaav rahata hai.



is yog ke jaatik ko ek hee cheej mil sakata hai dhan ya sukh. is yog ke kaaran jaatik yaatra bahut karata hai use poora karane mein bhee milatee hai parantu kaee baar apano dvaara dhokha khaana ke kaaran unake man mein niraasha kee bhaavana jaagrt ho uthatee hai aur vah apane man mein shatruta paalakar rakhane vaala bhee hota hai.



Tachar kaal sarp yog


ketu mein aur raahu saptam sthaan mein ho to tachar naamak kaalasarp yog banata hai. is kaalasarp yog se peedit jaatiyaan ko paitrk sampatti ka sukh nahin mil paata. aise getak prem prasang mein bhee asaphal ho dekhe jaate hain.



gupt prasangon mein bhee unhen dhokha khaana padata hai. vaivaahik jeevan saamaany rahate hue bhee kabhee-kabhee sambandh bahut tanaavapoorn ho jaata hai jisase ki aap ko hone ke lie kosis kar raha hai.



karkok kaal sarp yog


ketu doosare sthaan mein aur raahu ashtam sthaan mein karkok naam kaalasarp yog banata hai. aise jaati ke bhaag bhaagyoday mein is yog kee vajah se kuchh rukaavaten avashy aatee hain. naukaree mil aur padonnati hona mein bhee kathinaiyon aatee hain. is jaati ke lie sampatti bhee aate-aate rah rahatee hai. koee bhee kaam theek tareeke se nahin ho paata hai. saath hee aap adhik parishram karane ke baad bhee laabh nahin mil paata hai.

Shankhachud kaal sarp yog


ketu teesare sthaan mein aur raahu navam sthaan mein shankhachud naamak kaalasarp yog banata hai. is yog se peedit jaatiyon ke bhaagyoday hone mein kaee prakaar kee adachane aatee rahatee hain. vyaavasaayik pragati, naukaree mein pronnati aur padhaee-likhaee mein vaanchhit saphalata mil mein jaatiyaan ko kaee prakaar ke vighnon ka saamana karana padata hai. isake peechhe kaaran vah svayan hota hai kyonki vah apano ka bhee hissa chhinana chaahata hai. apane jeevan mein dharm se khilavaad karata hai.



adhik soch ke kaaran shaareerik vyaadhiyaan bhee usaka peechha nahin chhodatee. in sab kaaranon ke kaaran sarakaaree mahamon aur mukadamebaajee mein bhee unake dhan kharch hota hai rahata hai. usake pita ka sukh to bahut kam milaakar hai, vah nanihaal aur bahanoon se bhee chhala jaata hai. saath hee aapaka dost bhee aap dhokha kar raha hai.



Ghaatak kaal sarp yog


ketu chaturth aur raahu dasham sthaan mein ho to ghaatak kaalasarp yog banaate hain. is yog mein utpann jaatik agar maan kee seva kare to behatar ghar aur sukh kee prastuti hotee hai. jaatik hamesha jeevan paryavet sukh ke lie prayaasasheel rahata hai usake paas haina hee sukh aate hain jee nahin bharata hai.



usake pita ka bhee vichhoh jhelana padata hai. daapatin jeevan bhee pareshaaniyon se bhara hota hai. naukaree peshedaar jaatiyaan kosend, dischaarj ya dimoshan ke khataron se roobaroo hona padata hai. saajhedaaree ke kaam mein bhee manamutaav aur ghaata aadi ho sakata hai.



Vishaila kaalasarp yog


ketu pancham aur raahu gyaarahave bhaav mein ho to vishadaar kaalasarp yog banaate hain. jaatik ko gyaanaarj karane mein aanshik vyavadhaan upasthiti hota hai. uchch shiksha praapt karane mein thodee bahut baadha aatee hai aur smaran shakti ka hamesha hraas hota hai.



jaatik ko naana-naanee, daada-daadee se laabh kee sambhaavana bheed aanshik nukasaan uthaana padata hai. chaacha, chachere bhaiyon se kabhee-kabhee jhagada- jhanjhat bhee ho jaata hai. bade bhaee se vivaad hone kee prabal sambhaavana rahatee hai. is yog ke kaaran jaati apane janm sthaan se bahut door nivaas karata hai ya phir ek sthaan se doosare sthaan par bhraman kar rahata hai.

Sheshanaag kaal sarp yog


ketu chhathe aur raahu baarahave bhaav mein ho aur isake beech sabhee grah aa jaaye to sheshanaag kaalasarp yog banata hai. shaastron ke anusar vyavahaar mein log is yog sambandhee baadhaon se peedit avashy dekhe jaate hain. is yog se peedit jaati kee jaroorat hai manokenaen hamesha vilamb se hee poorn hota hai.



aise jaatiyaan ko apana khud-rotee kamaane ke lie apane janmasthaan se door jaana padata hai aur shatru shadayantron se use hamesha vaad-vivaad aur mukadame baajee mein phanse rahana padata hai. unake sir par badanaamee kee kataar hamesha latakee rahatee hai. shaareerik aur maanasik vyaadhiyon se aksar use vyathit hona padata hai. usake kaam karane ka tareeka bhee niraala hota hai. vah kharch bhee aamadanee se adhik kiya jaata hai.